Swati Sharma

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लेखनी कहानी -24-Nov-2022 (यादों के झरोखे से :-भाग 18)

          अब मैं दूसरे शहर में आकर नए कॉलेज में दाखिला ले चुकी थी। यहां भी सभी शिक्षक गान बहुत ही अच्छे थे और मेरे प्रिय भी। हमारे सीनियर्स भी बहुत अच्छे थे सभी ने पहले आकर हमारा परिचय लिया। कुछ दिनों पश्चात् हमारे लिए फ्रेशर्स पार्टी का आयोजन किया गया। उसमें हमें 1980 के अभिनेता और अभिनेत्रियों की तरह तैयार होकर आना था। मैंने अभिनेत्री मुमताज़ की तरह साड़ी पहनी थी।

           कॉलेज में आते ही हॉल में हमारा स्वागत किया गया। हमें तिलक लगाया, लच्छा बांधा हमारी आरती की गई। हमें हॉल के भीतर बैठाया गया। हमें एक एक करके स्टेज पर आमंत्रित किया गया। हमारा परिचय लिया गया और हमें एक चिट दी गई, उसमें जो लिखा था वही हमें स्टेज पर प्रस्तुत करना था। उसके पश्चात् हमें नृत्य करने हेतु एक गाना बजाया गया, जो सभी के लिए विशेष था। उसके बाद हमने भोजन गृहण किया और हम सभी अपने अपने घरों की ओर प्रस्थान कर गए।
              कुछ दिनों पश्चात्  हमारे कॉलेज में यू.जी.सी. के डायरेक्टर आए। उनके स्वागत हेतु हमारी शिक्षिकाओं हम राजपूती बेस में तैयार किया और अलग अलग लड़की को अलग- अलग थाली पकड़ाई, जिसमें गुलाब के फूल, हार एयर पूजा सामग्री थी। उनके आने के पश्चात् हमने उनकी आरती उतारी फूल दिए एवम मालाएं पहनाई। सभी बहुत सुंदर लग रहे थे। लड़कों ने सूट पैंट पहना था।
                इस वर्ष के अंत में हमने हमारे सीनियर्स को फेयरवेल पार्टी हेतु आमंत्रित किया। उसके लिए मैंने प्रधानाचार्य महोदय के लिए एक कार्ड बनाया। जो उनको बहुत पसंद आया। उन्होंने उसे पानी कांच की अलमारी में सजा लिया, जो अभी भी वहां सजा हुआ है। फिर एक कार्ड हमने शिक्षक गणों को दिया और एक अपने सीनियर्स को। रात भर बैठकर मैंने थर्मोकोल के गुलाब बनाए, जिनमें मैंने अलग- अलग रंग भरे। एक गणेशजी का चित्र बनाया, वह भी थर्मोकॉल पर चिपकाया।
                 सुबह कॉलेज जाकर हमने पूरे हॉल को सजाया गुब्बारों, गुलाब और कलिरों से। सीनियर्स को एक एक करके तिलक लगाकर, लच्छा बांधकर उनकी आरती उतारी और उनका स्वागत किया। सभी को सजावट बहुत पसंद आई। उस दिन मेरे और मेरी एक सहेली के व्रत होने के कारण हमारा एक सहपाठी हमारे लिए वेफर्स ले आया था। सबने नाश्ता किया। फिर कार्यक्रम शुरू हुआ। सभी को हमने तोहफे दिए।
                  उसके पश्चात् हमने भोजन किया। भोजन में हम सभी की मन पसंद चीज़ें थीं। मटर पनीर, गुलाब जामुन, पूरी वगेरह, वगेरह। भोजन भूत स्वादिष्ट था एक सभी को बहुत पसंद आया। उसके बाद हम सभी ने अपने घरों की ओर प्रस्थान किया। वो दिन ही सच में बहुत ही यादगार दिन थे। जो चुपके से अपनी ढेर सारी मीठी यादें समेटे यदा- कदा मन में घूमते रहते हैं।

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1 Comments

Pratikhya Priyadarshini

05-Dec-2022 11:39 PM

Behtreen 💐

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